Saturday 29 March 2014


गर्मी का मजा ले  रहा हूँ. एक साथ दो किताबे पढ़ रहा हूँ. The best of Ruskin Bond  Panguine books  की publication हैं. इस पुस्तक में छोटी छोटी लगभग सत्तर कहानियों का तिलस्म है. सरल शब्दों की जादुगरी,  वाक्यों का अपनापन और देहरादून की बर्फबारी मन में एक अलग तरह की अनुभूति पैदा करती है. दूसरी किताब  बाणभटट की आत्मकथा  है. इसका हर वाक्य  मुझे मेरे हिंदी शब्दकोश की अल्पता का ज्ञान करता है. संस्कृतनिष्ट हिंदी का इससे बड़ा महाकाब्य अन्यत्र कही दुर्लभ है. हजारीप्रसाद द्विवेदी की यह रचना जीवन के सत्यों से रसमय परिचय कराती है. यह कहानी  कर्मनिरत जीवन –योद्धा महाकवि बाणभट की सच्ची कहानी पर आधारित है.